अमेरिकी प्रकृति प्रेमी, पर्यटनकार, प्राकृतिक संरक्षक और लेखक जॉन म्यूअर की जीवनी

 जॉन म्यूअर, जन्म: 21 अप्रैल, 1838 - मृत्यु: 24 दिसंबर, 1914, एक अमेरिकी प्रकृति प्रेमी, पर्यटनकार, प्राकृतिक संरक्षक और लेखक थे। उन्हें आमतौर पर "प्राकृतिक अभियांत्रिकी" और "प्रकृति का पिता" के रूप में जाना जाता है। उन्होंने पश्चिमी अमेरिका की प्रकृति के प्रति उनकी प्रेम और संरक्षा के प्रयासों के लिए अपार प्रशंसा और प्रमाणन प्राप्त किए हैं।

जॉन म्यूअर 21 अप्रैल, 1838 को एक गरीब परिवार में डंमुयान्गल, स्कॉटलैंड में जन्मे। उनका परिवार 1849 में अमेरिका में म्यूअर ने माइनेसोटा राज्य में बसे प्रशासनिक केंद्र स्थित "पोर्टेज जंक्शन" के पास मूव किया। वहां परिवार को अभियांत्रिकी में रुचि और इकट्ठा करने का अवसर मिला।

म्यूअर की युवावस्था में वन्य जीवन और प्रकृति के प्रति उनकी प्रेम बढ़ती गई। उन्होंने दक्षिण पश्चिमी अमेरिका के वनों में आनंद लेने के लिए यात्राएँ कीं। वह अपने खेतीबाड़ी के कामों के बावजूद अक्सर पर्यटन करने के लिए समय निकालते थे। इन यात्राओं के दौरान, उन्होंने पहाड़ों, जंगलों, नदियों और झीलों का अद्भुत सौंदर्य देखा।

1871 में, म्यूअर ने यूनाइटेड स्टेट्स सांख्यिकी ब्यूरो की एक टीम के साथ सियरा क्लब पर्वतमाला में एक अध्ययन करने के लिए जाते हुए अपनी शौकिया भूमिका आदान की। उनके द्वारा यहां की वनस्पति और प्राकृतिक वातावरण के प्रति उनकी दृष्टि बदल गई। इस अध्ययन के बाद, म्यूअर ने प्रकृति के संरक्षण के मुद्दे पर अपना पूरा ध्यान केंद्रित किया।

म्यूअर की संरक्षणवादी विचारधारा ने उन्हें प्रकृति संरक्षक के रूप में अंगीकृत किया। उन्होंने विशेष रूप से योसेमाइटी घाटी को बचाने के लिए प्रयास किए, जिसने अमेरिका के प्रशंसित राष्ट्रीय पार्क प्रणाली की शुरुआत की। म्यूअर ने वनों, झरनों, नदियों और पर्वतमालाओं की सुरक्षा के लिए आवाज उठाई और राष्ट्रीय पार्क प्रणाली के निर्माण के लिए संघर्ष किया। उनकी मेहनतों के परिणामस्वरूप, 1890 में योसेमाइटी राष्ट्रीय पार्क की स्थापना हुई।

म्यूअर ने अपने लेखों के माध्यम से लोगों को प्रकृति के महत्व को समझाने का प्रयास किया। उनकी प्रसिद्ध पुस्तक "योसेमाइट वन्दना" ने अपने समय में व्यापक प्रभाव डाला और प्राकृतिक संरक्षण के लिए जागरूकता फैलाने में मदद की। उनके लेखों और व्याख्यानों ने लोगों को प्रेरित किया और प्रकृति के सदैव संरक्षण के लिए उनकी आवाज से एक गहरा प्रभाव छोड़ा।

जॉन म्यूअर की मृत्यु के बाद, उनकी दृष्टि, संरक्षण और प्रकृति प्रेम के मूल्यों ने एक प्रकृति संरक्षण आंदोलन को जन्म दिया। उनका प्रभाव आज भी विश्वभर में दिखाई देता है और उन्हें एक प्रमुख प्रकृति संरक्षक और प्रेरणास्रोत के रूप में मान्यता है।

जॉन म्यूअर ने अपनी जीवन के दौरान प्रकृति को उत्कृष्टता के रूप में स्वीकार किया और उसकी सुरक्षा के लिए अपना समर्पण किया। उनका प्रेम प्रकृति के प्रति हमेशा से एक प्रेरणा का स्रोत रहा है और उनकी जीवनी में उनके संरक्षणवादी और पर्यटनकारी योगदान का महत्वपूर्ण प्रतिबिंब है।

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