कोशिका (Cell) जीवन की सबसे छोटी संरचनात्मक और कार्यात्मक इकाई है, जो सभी जीवों के शरीर को बनाती है। यह जीवों के शारीरिक, रासायनिक और जैविक क्रियाओं को नियंत्रित करती है।
कोशिका का वर्णन:
परिभाषा: कोशिका वह मौलिक इकाई है जिसमें जीवन के सभी आवश्यक क्रियाकलाप होते हैं, जैसे पोषण, वृद्धि, प्रजनन और प्रतिक्रियाएं।
आकार और प्रकार:
- कोशिका के आकार, प्रकार और संख्या का निर्धारण जीव के प्रकार और कार्य के अनुसार होता है।
- कोशिकाएँ मुख्यतः दो प्रकार की होती हैं:
- प्रोकैरियोटिक कोशिका: इसमें स्पष्ट नाभिक (Nucleus) और झिल्लीबद्ध अंगक नहीं होते। जैसे - बैक्टीरिया।
- यूकैरियोटिक कोशिका: इसमें स्पष्ट नाभिक और झिल्लीबद्ध अंगक (Organelles) होते हैं। जैसे - पौधों और जानवरों की कोशिकाएँ।
संरचना: कोशिका की मुख्य संरचनाएँ निम्नलिखित हैं:
- कोशिका झिल्ली (Cell Membrane): यह कोशिका के अंदर और बाहर के वातावरण को अलग करती है।
- साइटोप्लाज्म (Cytoplasm): यह अर्धद्रव पदार्थ है जिसमें कोशिकांग (Organelles) पाए जाते हैं।
- नाभिक (Nucleus): यह कोशिका का नियंत्रण केंद्र है, जिसमें आनुवंशिक पदार्थ (DNA) होता है।
- माइटोकॉन्ड्रिया: इसे कोशिका का पावर हाउस कहते हैं क्योंकि यह ऊर्जा उत्पादन करता है।
- राइबोसोम: यह प्रोटीन संश्लेषण करता है।
महत्त्व:
- कोशिका सभी जैविक क्रियाओं का आधार है।
- यह जीव के विकास, वृद्धि, और प्रजनन में मदद करती है।
- कोशिका विभाजन के माध्यम से नए जीवों का निर्माण करती है।
कोशिका का सिद्धांत (Cell Theory):
कोशिका के विस्तृत अध्ययन के साथ कोशिकवाद की परिकल्पना का जन्म हुआ ।इस संदर्भ में Oken, lamarck तथा मेयर का योगदान हैं रुडोल्फ virchowe नामक वैज्ञानिक ने सन् 1858 में कोशिका का सिद्धांत को रूपांतरित किया ।
- यह थ्योरी बताती है कि:
- सभी जीव कोशिकाओं से बने होते हैं।
- कोशिका जीवन की मौलिक इकाई है।
- नई कोशिकाएँ केवल पूर्ववर्ती कोशिकाओं से ही उत्पन्न होती हैं।
निष्कर्ष:
कोशिका जीवन का आधारभूत घटक है। यह इतनी छोटी होती है कि इसे केवल माइक्रोस्कोप की मदद से देखा जा सकता है। कोशिका के अध्ययन को कोशिका विज्ञान (Cytology) कहते हैं।