प्रक्रिया लागत लेखांकन क्या है ?

 प्रक्रिया लागत  लेखांकन -      

        प्रक्रिया लागत  लेखांकन से आशय  यह है की लागत वह प्रक्रिया   हैं जिसे लगता का निर्माण के लिए अंतिम स्थिति में लाने के लिए कई विधियों से गुजरना पड़ता है।परंतु लागत लेखांकन को अंतिम स्थिति में पहुंचने पर निर्माण का कार्य पूरा हो जाता है और वस्तु विक्रय योग्य हो जाती है।  हालांकि एक प्रक्रिया से प्राप्त  उत्पादित वस्तु को बेचा जा सकता है।इस प्रकार प्रत्येक प्रक्रिया के संपन्न होने के बाद ही उत्पादन की लागत ज्ञात करना आवश्यक होता है। किसी विभिन्न प्रक्रियाओं द्वारा उत्पादित वस्तु का निर्माण किया जाता है । 

       प्रत्येक प्रक्रिया की लागत अलग अलग होती है और अंतिम प्रक्रिया के कुल लागत ही वस्तु के लागत होती है । 

      बी.आर•के •भार  के अनुसार , '' लागत लेखांकन एक याअधिक प्रक्रियाओं  को लागत  ज्ञात करने की एक विधि है।  जो कच्ची   सामग्री को निर्मित उत्पाद  में रूपांतरित किया जात है। 

    हेल्डन० के ०  अनुसार ,''  प्रक्रिया परिव्यायंकन   लागत ज्ञात करने  की वह विधि है जिसका उपयोग, प्रत्येक  परिचालन अथवा  उत्पादन के  प्रत्येक स्तर पर उत्पादन की लागत ज्ञात किया जाता है।

 प्रक्रिया लागत लेखांकन का विशेषता : (characteristics of process cast account,)-

  प्रक्रिया लागत लेखांकन के  निम्न  विशेषता है -

1. लागत लेखांकन के अंतर्गत उत्पादन कार्य कई प्रक्रिया से होकर गुजरती है ,तथा किसी प्रक्रिया कार्य के कार्य उसके product  से होकर  गुजरती है ।

2.प्रक्रिया और प्रक्रिया से कार्य दोनो सामिल होते है। 

3.वह  उत्पादन के के लिए प्रक्रियाओं  को क्रम में निर्धारित होता है, 

4. इसके  अंतर्गत प्रक्रिया को प्रति इकाई लागत अगली प्रक्रिया के stock (प्रारंभिक/ अन्तिम) के मूल्यांकन के आधारित होते है।

5.इसके उत्पादन सजातीय होते हैं तथा के प्रक्रिया की इकाईयों एक हो प्रकार की होती है। तथा प्रक्रिया A  की इकाई प्रक्रिया  B  की इकाई से  भिन्न होती हैं।

लागत लेखांकन के  उद्देश्य :  objects of process cost  account 

 प्रक्रिया लागत लेखांकन के निम्नलिखित उद्देश्य है।

1. प्रत्येक लागत लेखांकन के उद्देश्य (To Ascertain  the cost of each process) -

       किसी भी लागत  लेखांकन के product  के  स्तर पर कितना लागत आता है उसका जानकारी होना चाहिए और वह इसकी पूर्ति लागत लेखांकन पद्धति से होती है। तो इसके   आधार पर उत्पादक अपना  निर्णय ले सकता है की कोई वस्तु को अपने  यहां उत्पादन किया जाए  या बाजार से खरीद जाए । उदाहरण के लिए , मानलिया जाए  की किसी वस्तु का लागत मूल 50 रुपिया  पाउंड है जबकि बाजार में उस वस्तु का मूल्य 100rs  पाउंड है तो ऐसे स्थिती में बाजार  से ही वस्तु को खरीदना  लाभदायक  होगा ।और इसके विपरित  स्वयं  सूत  का उत्पादन करना  हानिकारक होगा । 

2. उत्पादन प्रक्रिया में होने वाले क्षय का होना :( to know the wastage in each process of production )- 

       किसी वस्तु के  उत्पादन  के क्रम निम्न प्रकार से क्षय होते है , जैसे भर में कमी होना  loss in weight) सामान्य क्षति(normal wastage) तथा असामान्य में क्षति इत्यादि। इन सब क्षय की मात्रा और लागत दोनों की जानकारी प्रक्रिया लागत लेखांकन से ही हो पाती है।

3. प्रत्येक विधि  का लाभ या हानि  ज्ञात   करना( To Ascertain the profit or loss of each process)-

      प्रत्येक प्रक्रिया के द्वारा उत्पादित उत्पादित किसी भी  वस्तू  स्वय की  विक्रय योग्य वस्तु  होती है। तो उसे कभी कभी उत्पादक के द्वारा बिक्री की जाती है तथा उसके द्वारा होने वाला लाभ तथा  हानि  की प्रक्रिया भी लागत लेखांकन  के  द्वारा होता है। 

4.प्रत्येक प्रारभिक रहतिया तथा अंतिम रहतिया  के मूल्यांकन  के आधार ( base of valuation of opening or closing  stock of each process )-

     प्रत्येक  प्रक्रिया के उत्पादन लागत से किसी वस्तु  की संख्या  से भाग  देकर प्रति  इकाई से उत्पादन लागत ज्ञात किया जाता है ।इस लागत के आधार पर प्रारंभिक और अंतिम रहतिया मूल्यांकन किया जाता है। 

5. उपोत्पाद की लागत ज्ञात करना (the  Ascertain the cost by product) -

      इसमें   मुख्य उत्पाद के साथ साथ सहायक उत्पाद भी सामिल होते है जिसे उपोत्पद कहा जाता है । जैसे  सरसो का उत्पादन  के मुख्य  उत्पाद   के साथ साथ उपोत्पाद खली का प्राप्त होना इस उत्पाद के प्रक्रिया लेखांकन  पद्धति  से ही होती है। 

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