विपणन का अर्थ ( meaning of marketing )

 विपणन का अर्थ (meaning of marketing)-  

        हम जानते हैं कि विपणन हमारे लिए कोई नई वस्तु नहीं है ।और सबसे बड़ी बात यह है की ऐसे कितने व्यक्ति है , की अभी तक विपणन के बारे में नहीं जानते है। और जो व्यक्ति  दिन रात विपणन के कार्य में लगे हुए है ।  यहाँ तक की एक   विक्रेता  विक्रय प्रबंधक भी विपणन का अर्थ केवल  विक्रय से लेता है। विपणन  शब्द इतना प्रचलित हो गया है की एक  अशिक्षित कृषक  भी विपणन से स्वंय को  अनभिज्ञ नहीं समझता ।यदि एक परिवारिक महिला से भी पूछा जाए की  विपणन क्या है ? वो तुरन्त उत्तर देगी की जो व्यक्ति बाजार से घरेलू सामान खरीद कर लाए  उसे ही विपणन कहते है । एक किसान  के लिए अपना उपज market में बेचना  ही विपणन कहलाता है।  विपणन  शब्द का प्रयोग हर व्यक्ति किसी न किसी रुप करता है ।

  विपणन की परिभाषा  (Definitions of marketing)-

          विपणन  वह प्रक्रिया है जिसे हम वस्तुओं के क्रय विक्रय को ही विपणन कहते हैं। 

          विपणन के परिभाषा विभिन्न वैज्ञानिकों ने दिया है । के  पाइले  1.( Pyle) के अनुसार," विपणन में  क्रय  तथा विक्रय दोनों  सामिल होते है ।,"

2.क्लार्क तथा क्लार्क के अनुसार," विपणन ने  से आशय यह है की विपणन  में वे सभी प्रयत्न सम्मिलित है जो वस्तुओं और सेवाओं से स्वामित्व  एवं हस्तांतरण एवं उनके (वस्तुओं एवं सेवाओं ) के भौतिक विवरण में सहायता प्रदान करते हैं ,"  

 3.अमेरिकन मार्केटिंग एसोसिएशन," विपणन  का अभिप्राय उस  व्यासायिक क्रियाओं  के निष्पादन  से हैं जो उत्पादक उपभोक्त तथा क्रियाओं के प्रवाह को नियंत्रण करता है ,"

निष्कर्ष (Conclusion up)-

उपरोक्त परिभाषा का अध्ययन करने  निष्कर्ष  रूप से यह कहा जा सकता है  कि  विपणन वह प्रक्रिया है जिसके अंतर्गत  उपभोक्ता एवं ग्राहकों को किसी भी वस्तु को  क्रय विक्रय किया जा  सकता है।

विपणन के कार्य  (Functions of Marketing)-

विपणन के  निम्न लिखित कार्य है ।इन्हे है four p ke नाम से भी जानते है।

1.विनिमय कार्य( Exchange Functions )

2.उत्पाद नियोजन( product planning)

3. मूल्य निर्धारण (pricing)

4. भौतिक विवरण(  physical Distribution)

1. विनिमय कार्य ( Exchange Functions )

      विपणन के विनिमय कार्य के अंतर्गत निम्न कार्य सम्मिलित है

1. एकत्रीकरण  अथवा संकलन

2.कार्य  करना (Buying) क्रय करना विपणन का प्रथम चरण है।और इसका  निर्माण  कच्चा माल  तथा व्यवसायिक  इकाई के दशा ने  तैयार क्रय माल किया जाता है।इसकी स्थिति कुछ भी हो उसका  महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है । इस कार्य  के अंतर्गत पता चल जाता है की वह  विपणन विभाग को सुनिश्चित करना पड़ता है की  समय  उचित  किस्म का माल, उचित मूल्य पर ,उचित मात्रा में ,उचित समय पर माल को उचित पूर्तिकर्ता से खरीदा जाए।

3. विक्रयण( selling) विक्रयण कार्य महत्वपूर्ण है । इससे आशय यह है की  वस्तुओं तथा सेवाओं को स्वामित्व के द्वारा क्रेता तथा विक्रेता को  हस्तांतरित  किया जाता है। 1. आवश्यकता के अनुसार माल नियोजन करना  2  .बाजारों  तथा विक्रेता का  पता लगाना ।3. विक्रय के शर्तो का  लगाना

  2. उत्पाद नियोजन ( product planning)-

      यह विपणन  प्रबन्ध के दूसरा  कार्य है । सामान्य रूप से उत्पाद नियोजन से आशय उत्पादन करने वाला वस्तु या उत्पाद के बारे में व्यापक योजना बनाने से  है ।1   लेबल लगाना 2 पैकेजिंग करना 3  शर्तो के के अधीन विक्रय करना  4  की प्रकार के विक्रय उपरांत सेवाए प्रदान करना ।

1 .विक्रय योग्य  उत्पाद

2. ब्रांड एंड  ट्रेडमार्क

3. लेबल लगाना लेबल लगान

4 .पैकिंग

5.  गारंटी का निर्धारण एवं अवधि

03. मूल्य निर्धारण  (pricing)

1. मूल्य का निर्धारण करना

2 लाभ की  मात्रा

3 छूट की मात्रा

4 सरकारी नियंत्रण  

योगिता का अस्तर

3. मूल्य निर्धारण (pricing)-

       मूल्य निर्धारण से आशय है की मूल्यों को निर्धारण करता है । और निर्माता को उत्पाद  का मूल्य निर्धारण काफी सोच विचार कर के करता है । देखा जाए  तो विपणन प्रबन्ध की सफलता तथा असफलता  बहुत कुछ मूल्य निर्णयन पर निर्भर करता है  अर्थशास्त्र के   सिद्धांत के अनुसार   किसी उत्पाद का  मूल्य  उसकी  मांगा  तथा पूर्ति के सिद्धांत पर निर्भर करता है   । 

1 मूल्य निर्धारण घटक

2. लाभ की मात्रा

3 छूट  की मात्रा

4. सरकारी नियंत्रण

5  .प्रतियोगिता का स्तर

4. भौतिक विवरण (physical distribution)-

यह विवरण भौतिक कार्य को महत्वपूर्ण अन्तिम कार्य है।भौतिक विवरण से आशय यह है की  वह सही समय पर, सही मात्रा  में, सही  स्थान पर  ,  सही हाथों में उत्पाद को  पहुंचाना

1 .स्टॉक के आकार का  नियंत्रण

2 .भंडार निर्णयन

3 .परिवहन निर्णयन

4 .आदेश की प्राप्ति एवं पूर्ण पूर्ति संबंधित निर्णयन

 विपणन की विशेषता-

 विपणन की विशेषता निम्न है।   

1.विपणन को  मानवीय क्रिया इस लिए कहा जाता है की  विपणन का कार्य मनुष्यों  द्वारा मनुष्यों   के लिए किया जाता  है  आज विपणन  कार्य यंत्रों के उपयोग के लिए किया  गया है  ।  इस लिए उसका संचालन मनुष्य के  लिए किया जाता है   अतः इसे मानवीय क्रिया कहा गया है ।

2. विपणन एक आर्थिक क्रिया इसलिए है कि वह लाभ के लिए  आती है तथा साथ ही साथ यह   सामाजिक क्रिया भी है क्योंकि इसके भीतर रहा यह काम किया जाता है । इसलिए इसे सामाजिक आर्थिक क्रिया भी कहा जाता है ।

 3.विनिमय का अर्थ  है।  लेन देन  विपणन  क्रिया के बिना  यह संभव नहीं है अगर   विपणन को वस्तु का आधार माना जाता है  विपणन उत्पादक तथा उपभोक्ता के मध्य  मूल्य के बदले वस्तु का आदान प्रदान किया जाता है 

4.चाहे आप किसी भी धर्म या संस्कृति को मानने वाले हो   तथा किसी भी  देश में निवास कर  रहे हो तो बिना विपणन के कोई भी कार्य  नहीं होने वाला है क्योंकि विपणन के कार्य सर्वत्र माना जाता है  और बिना  विपणन के कार्य पूरा समाज अधूरा रह जाता है  सार्वभौमिक  क्रिया है ।

5. विपणन कार्य कभी  बंद  नहीं  होता है। वो हमेशा  चलता रहता है विपननकर्ता हमेशा नया नया वस्तु को ही पसंद करते है जिसे कहा जा सकता है की विपणन    हमेशा  गतिशील   होते है ।


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