नेतृत्व का अर्थ तथा परिभाषाएं


        नेतृत्व से आशय किसी व्यक्ति विशेष के उस गुण  से है जिसके द्वारा वह अनुयायियों के समूह का मार्गदर्शन करता है तथा  नेता के रूप में  क्रियाओं का संचालन करता है दूसरे शब्दो में",नेता जन्म लेते है बनाए नहीं जा सकते है । "

नेतृत्व की परिभाषाएं  Definitions of Leadership-



       Koontz o  Donnel ke अनुसार, "  किस  लक्ष्य की प्राप्ति हेतु संदेश वाहन के माध्यम द्वारा  व्यक्तियों  को प्रभावित कर सकने की योग्यता नेतृत्व   कहलाती है  "।          


      बर्नार्ड  के अनुसार," नेतृत्व से आशय व्यक्ति के व्यवहार के उस  गुण से है जिसकी द्वारा वह हम अन्य  लोगों को संगठित प्रयास से संबंधित कार्य करने में मार्गदर्शन  करता है"

      लिविगंस्टन के शब्दो में , "नेतृत्व  अन्य लोगों में किसी सामान्य उद्देश्य को अनुसरण करने की इच्छा को जागृत करने की योग्यता है।"।   

      मुने तथा रेले के अनुसार,"  प्रक्रिया में प्रवेश करते समय अधिकारी वर्ग स्वरूप धारण करता है उसे नेतृत्व करते हैं


      अल्फोर्ड बीटी के अनुसार,"नेतृत्व वह गुण है  जिसके द्वारा अनुयायियों  के  एक समूह  से वांछित  कार्य  स्वेच्छापूर्वक एवं बिना किसी दबाव के कराए जाते हैं।"


नेतृत्व के लक्षण तथा विशेषताएं तथा प्रकृति Characterists or Nature of Leadership-

नेतृत्व  के लक्षण तथा विशेषताएं निम्नलिखित है-

1. अनुयायियों का होना
2. गतिशील  प्रक्रिया
3. आदर्श आचरण आदर्श आचरण
4. क्रियाशील संबंध
5. हितों की एकता 
6. परिस्थितियों का प्रभाव
7. यथार्थवादी दृष्टिकोण

नेतृत्व का महत्व लाभ तथा भूमिका-


          प्रबंध के क्षेत्र में नेतृत्व एवं बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका है वह भी संगठन चाहे वह वह कितना भी  सुसज्जित क्यों ना हो, नेतृत्व को आज तथा  प्रतिस्थापित  नहीं कर सका । आज की परिवर्तित परिस्थितियों में चाहे  संगठन आर्थिक हो ,धार्मिक  हो , सामाजिक  हो ,राजनीतिक हो, अथवा अध्यात्मिक हो ,सभी में नेतृत्व का सर्वाधिक महत्व है कुशल नेतृत्व ने ही विश्व के इतिहास की रचना की है ।इतिहास इस बात की साक्षी है कि नेपोलियन बोनापार्ट , जार्ज 4 जवान सिंह बताएं जॉर्ज वाशिंगटन और  भारत के महात्मा गांधी आदि नेताओं ने अपने कुशल नेतृत्व द्वारा जनता का  मार्ग दर्शन दिया है ।

1. अभिप्रेरणा का  स्रोत ( Source of Motivation) नेतृत्व -

      अभिप्रेरणा का स्रोत है इसकी जड़ें,  माननय संबंधों से  जुड़ी हुए हैं और मानवीय संबंधों का विकास कुशल नेतृत्व द्वारा होता है नेतृत्व एक ऐसे गुण  है  जो  व्यक्तियों के समूह के  उदेश्यो एवं    प्रयत्नों को एकता  प्रदान करता है तथा वह  सही मार्गदर्शन दिखाता है ।

2. सहयोग प्राप्त करने की आधारशिला  (Basis of
 Achieving Co operation)-

       नेतृत्व विभिन्न व्यक्तियों के मध्य सहयोग की आधारशिला है इसके अभाव में कर्मचारियों में द्वेष की भावना जागृत होती है तथा छोटे-छोटे कार्यो को लेकर आपस में   विवाद खड़े kr  देते  है। 

3. सामूहिक क्रियाओं का निर्देशन (Directing Grooup Activities)-

       सामाजिक क्रिया का संचालन करने हेतु कुशल नेतृत्व की आवश्यकता पड़ती है जिसकी अभाव में समूह व्यवस्थित नहीं रह सकता व्यवस्थित समूह के सदस्य पृथक व्यक्तिगत व्यक्तिगत रूप में कितना भी अच्छा कार्य क्यों न करें समाज सामूहिक उद्देश्यों की पूर्ति कुशलता के साथ नहीं किया जाता है

4.  समूह में निष्ठा उत्पन्न करना(Create Loyalty  in Group) -

       कुशल नेतृत्व किसी व्यवसायिक उपक्रम में कार्य करने  वाले  कर्मचारियों को उदेश्यों के प्रति निष्ठावान बनाए रखने में महत्पूर्ण भूमिका निभाता है । 

5.  व्यवसायिक सफलता( Business Success )-

       किसी व्यवसाय संस्था को सफलता  तथा असफलता बहुत हद तक नेतृत्व की प्रकृति पर निर्भर करती है जहां एक और कुशल नेतृत्व को प्रगति पर ले जाता है वहीं दूसरी ओर का कुशल नेतृत्व को पतन अथवा असफल की ओर ले जाता है

6. स्वस्थ मानवीय संबंधों की स्थापना( Establishment  of Sound Human Relations)-

        नेतृत्व उपक्रम में स्वस्थ मानवीय संबंध हो की स्थापना  में सक्रिय सहयोग प्रदान करता है। कोई भी कर्मचारी पहले मानव है और बाद में कर्मचारी है एक तो उसके साथ मानवीय व्यवहार किया जाना आवश्यक है ।स्वस्थ  मानवीय  संबंध  कर्मचारी में संतुष्ट की भावना जागृत करते हैं तथा कार्य निष्पादन के स्तर पर शिक्षा पर पहुंचा देते हैं   ।

7. व्यवहार में सुधार  ( Modifying Behaviour)-

        प्रत्येक कर्मचारी को प्रवृत्ति पसंद या नापसंद प्रतिक    प्राथमिकताएं एवं   व्यवहार  में भिन्नताएं  पाई जाती है एक भावी नेता उसके व्यवहार में सुधार लाता है और उसे  व्यवहार के लक्ष्य की प्राप्ति की ओर ले जाता है।



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