प्रशिक्षण का अर्थ एवं अवधारणा

 प्रशिक्षण की अवधारणा( Concept of training)-

          प्रशिक्षण एक  प्रक्रिया है जिसकी द्वारा किसी विशिष्ट कार्य को करने के किसी किसी व्यक्ति की योग्यता निपुणता अथवा कुशलता में वृद्धि होती है प्रशिक्षण के द्वारा कर्मचारी को न केवल कार्य के प्रति सामान्य ज्ञान प्राप्त होता है उसके सौपे गए कार्य के प्रति रुचि उत्पन्न होती है तथा पहल करने की क्षमता वर्तमान उत्पादन प्रणालियों  में सुधार करने की योग्यता तथा  उत्पादन किस्म में सुधार करने की दशा में मार्गदर्शन मिलता है। प्रशिक्षण कभी न समाप्त होने वाली सतत प्रक्रिया है जिसके कारण कर्मचारियों के व्यवहार उत्पादकता तथा निष्पादन तीनों में सुधार होता है उसके मनोबल में वृद्धि होती है तथा पूरी  रुचि लगान  एवं निष्ठा कार्य  करने के लिए प्रेरित करता है। 

प्रशिक्षण की  परिभाषाएं( Definitions of Training)-

  विभिन्न विद्वानों ने प्रशिक्षण  का  विभिन्न परिभाषाएं  दी है ।

          एडविन बी फ्लिप्पो के अनुसार,"किसी विशेष कार्य को करने  के लिए कर्मचारी के ज्ञान तथा चातुर्य में वृद्धि करने में संबंधित क्रिया को प्रशिक्षण कहते हैं"

         डले एस बीच के अनुसार ," शिक्षण एक ऐसी संगठित कार्यविधि है जिसके द्वारा व्यक्ति किसी विशिष्ट उद्देश्य के लिए ज्ञान तथा  चातुर्य सकते हैं"

         डले  योडर के अनुसार ,"प्रशिक्षण वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा श्रम शक्ति को उसके द्वारा किए जाने वाले कार्य को योग बनाता है।"

         जूसियस के अनुसार,"प्रशिक्षण एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके द्वारा विशेष कार्य को करने के लिए कर्मचारियों को अभिवृत्तियो  तथा    योग्यताओ में वृद्धि की जाती है"


प्रशिक्षण के लक्षण विशेषताएं तथा प्रकृति (Characteristics or Nature of Training)-

1. प्रशिक्षण शिक्षा से भिन्न है(Training is Different form Education)-

        कुछ लोगे प्रशिक्षण तथा शिक्षक दोनों को सामान्य मानते हैं किंतु वास्तविकता यह है कि इन दोनों में पर्याप्त अंतर है प्रशिक्षण के द्वारा कर्मचारियों से किसी विशेष कार्य कार्य को करने में ज्ञान तथा कुशलता में वृद्धि होती है इसके विपरीत शिक्षा से केवल मनुष्य में समान बुद्धि तथा रचनात्मक शक्तियों का विकास होता है

2. प्रशिक्षण विकास से  विभिन्न है(training in Distinct form Development)-

       लोगों को यह मानना है कि प्रशिक्षण तथा  विकास दोनों एक ही है किंतु  इन दोनों में अंतर है प्रशिक्षण से  किसी विशेष कार्य को करने के लिए कर्मचारी को ज्ञान  चातुर्य ,कुशलता ,में वृद्धि होना जबकि  कर्मचारी विकास का अर्थ है  की कर्मचारी का सभी क्षेत्रों में विकास होना इस प्रकार विकास का क्षेत्र प्रशिक्षण की तुलना में व्यापक है"

3. प्रशिक्षण औपचारिक तथा अनौपचारिक हो सकता है (training may be as formal   as  informal)-

        प्रशिक्षण औपचारिक भी होता है और अनौपचारिक भी औपचारिक प्रशिक्षण से  आशय की  हैं    किसी निश्चित योजना के अधीन व्यवस्थित प्रशिक्षण देना इसके विपरीत अनौपचारिक के प्रशिक्षण में कर्मचारियों द्वारा स्वयं पर्यवेक्षक तथा सहयोगी किस समय समय पर मार्गदर्शन प्राप्त करना तथा चातुर्य तथा कुशलता में सुधार लाना है।

4. प्रशिक्षण संस्था एवं कर्मचारी दोनों के लिए लाभदायक है (training is beneficial  to both of organization and the employees)-

          प्रशिक्षण से  संस्था एवं कर्मचारियों दोनों को लाभ होता है। एक ओर जहां सहायता को कम लागत पर अधिक उत्पादन प्राप्त होता है ।और दूसरी कर्मचारियों को कार्यकुशलता बढ़ाने से कम  समय में  अधिक अच्छा उत्पादन करके अधिक  पारिश्रमिक प्राप्त करने में सफलता प्राप्त करते हैं।

5. नए तथा पुराने दोनों प्रकार के कर्मचारियों के लिए आवश्यक है (Essential for both new and old employees)-

         प्रशिक्षण की आवश्यकता के वाले नए कर्मचारियों के लिए ही नहीं पड़ती तथा पुराने एवं अनुभवी कर्मचारियों के लिए भी पड़ती है ।इसका कारण यह है कि जैसे-जैसे उत्पादन में जटिलता आती जा रही है उत्पादन के नए-नए तरीकों का आविष्कार हो रहा है और तकनीकों में परिवर्तन का सुधार हो रहा है।

6. ज्ञान चातुर्य तथा कुशलता में वृद्धि( increase in knowledge skill and efficiency)-

         प्रशिक्षण के द्वारा कर्मचारियों को कार्य करने की नवीन वीडियो इन तकनीकों के बारे में विस्तृत जानकारी दी जाती है इससे उनके ज्ञान चातुर्य  तथा कुशलता में वृद्धि होती है।

प्रशिक्षण का महत्व( importance of training)-

         प्रशिक्षण एक श्रेष्ठ प्रणाली का मूल मंत्र है यह समस्या के समाधान का साधन है। जिस प्रकार स्वस्थ को बढ़ाने के लिए विटामिन की गोलियां होती है समस्याओं का निराकरण करने के लिए प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है।

1. उत्पादन तथा उपभोक्ता दोनों वृद्धि( Increase in Production as well as in Productivity )-

         प्रशिक्षण से प्रशिक्षण कर्मचारियों को योग्यता  तथा कुशलता में वृद्धि होती है। जिसके परिवार स्वरूप उत्पादन तथा उत्पादकता दोनों वृद्धि होती है।

2. मनोबल में वृद्धि( Increase in Moral)-

         प्रशिक्षण प्रशिक्षण से कर्मचारियों में उत्तरदायित्व की भावना जागृत होती है कार्य के प्रति संतुष्टि होती है और आय में वृद्धि कार्य कुशलता में वृद्धि तथा कार्य सुरक्षा में वृद्धि होती है। जिसके प्रमाण स्वरूप स्वरूप उनके मनोबल वृद्धि होती है ।

3.  साधनों का सही उपयोग (peoper Utilisation of Resources )-

         प्रशिक्षण कर्मचारी संस्था के साधनों का श्रेष्ठ उपयोग करते हैं जिसे साधना की बर्बादी नहीं होता है

4. व्यक्तिगत विकास (personality Growth )-

         प्रशिक्षण में कर्मचारियों को ज्ञान  एवं कुशलता में वृद्धि होती है जिसके प्रमाण स्वरूप उनके  पदोन्नति  द्वारा खुल जाते हैं और प्रशिक्षण उच्च पदों पर पदोन्नति करते हुए कर्मचारियों में व्यक्तिगत के विकास में सहायक है।

5. निरीक्षण लागत में कमी( Reduction in cost of Supervision)-

         प्रशिक्षित कर्मचारियों के काम को देख रहे काम करनी पड़ती है   और निरीक्षण लागत में पर्याप्त कमी होती है।

6. दुर्घटनाओं में कमी( Reduction in Accident)-

         प्रशिक्षण में कर्मचारियों को काम करने के सुरक्षित विधियों की जानकारी दी जाती है। जिसके परिणामस्वरूप दुर्घटनाओं की मात्रा में पर्याप्त कमी होती है।

7. प्रबंधकों को लाभ( Advantages to Managers)-

        कर्मचारियों के प्रशिक्षित होने के कारण उस पर काम पर्यवेक्षण  की आवश्यकता रहती है ।जिसके द्वारा किए गए कार्य पर हम देखभाल की आवश्यकता होती है ।जिसके फलस्वरूप प्रबंध अपना ध्यान  अन्य महत्वपूर्ण कार्य पर दे सकता है।










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